सारे अनुमानों को ध्वस्त करते हुए मोहन यादव को भाजपा ने मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री बना दिया

सारे अनुमानों को ध्वस्त करते हुए मोहन यादव को भाजपा ने मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री बना दिया MOHAN YADAV from Ujjain South IS The New CM OF Madhya Pradesh
पटना में @nityanandraibjp ने यदुवंशी समाज का एक सम्मेलन किया था। हिट रहा। आज @DrMohanYadav51 को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया है। भाजपा ने पहली बार ‘यादव’ समाज से मुख्यमंत्री दिया है। अभी तक जो अकथ्य था, वह वास्तविक हो चुका है।
ABVP से राजनीति में की थी एंट्री... ABVP के कार्यक्रम में अंतिम पंक्ति में बैठा करते थे मोहन यादव. संघ के हुए करीब, भाजपा से बने 2013 में विधायक और अब होंगे मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री।
भगवान महाकाल का आशीर्वाद है, पार्टी का आशीर्वाद है। बहुत खुशी की बात है, उन्होंने संघर्ष भी बहुत किया है। निश्चित रूप से आज उसी संघर्ष का परिणाम मिला है। मोहन यादव की पत्नी
उत्तर प्रदेश और बिहार में @BJP4India को केवल ‘यादव विरोधी’ नहीं बल्कि ‘घनघोर यादव विरोधी’ कह कर प्रचारित किया जाता है। भारत में मोहन यादव वर्तमान में एकमात्र यादव मुख्यमंत्री हैं। साथ ही, बिहार के जातिगत समीकरण पर भी इसका स्पष्ट प्रभाव दिखेगा संभव है कि @narendramodi और @AmitShah इस मिथक से मुक्ति चाहते हों। आदिवासी हो गया, ओबीसी हो गया, अब एक महिला सीट बचती है राजस्थान में। यदि महिला न आईं, तो कौन सा नाम होगा, मुझे नहीं पता। परंतु हाँ, आश्चर्यचकित होने के लिए तैयार रहिए। मोहन यादव दीर्घकालिक स्वयंसेवक और विद्यार्थी जीवन से ही भाजपा एवम् संघ से जुड़े रहे हैं। ऐसे व्यक्ति जब शीर्ष तक पहुँचते हैं तो भाजपा यह संदेश भी देती है कि कार्यालय में झाड़ू देते कार्यकर्ता से ले कर रैलियों में झंडे बाँटते स्वयंसेवक तक, हर कोई ऊपर तक जाने की योग्यता रहता है।
जिन लोगों को लगता है कि, आज राहुल गांधी के #OBCCard के दबाव में @BJP4India @DrMohanYadav51 को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बना रही है। उनके लिए दो आवश्यक जानकारियां १- २००४ में भाजपा ने मध्य प्रदेश में बाबूलाल गौर को मुख्यमंत्री बनाया था जो, उत्तर प्रदेश में हमारे मूल जिले प्रतापगढ़ के मूल निवासी थे, यादव ही थे २- मोहन यादव १९८२ में @ABVPVoice से उज्जैन में जुड़े थे, विद्यार्थी परिषद के नगर सह मंत्री से राष्ट्रीय मंत्री तक पहुंचे थे बाकी, आप विश्लेषण कर सकते हैं कि, @RahulGandhi से लेकर @yadavakhilesh @yadavtejashwi तक के डर से यह सब कर रही है। @RSSorg शुरू से ही सामाजिक संतुलन, समन्वय, सबकी भागीदारी को लेकर सतर्कता पूर्वक आगे बढ़ता रहा है, काम करता रहा है। हां, संघ या भाजपा नारा नहीं लगाते कि, जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी

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